चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी वैश्विक नवाचार सूचकांक- 2020 (Global Innovation Index-GII) में भारत को 48वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, जिससे भारत पहली बार वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) में शीर्ष 50 देशों के समूह में शामिल हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization-WIPO) द्वारा जारी वैश्विक नवाचार सूचकांक का यह 13वाँ संस्करण है।
- वैश्विक नवाचार सूचकांक- 2020 में स्विट्ज़रलैंड को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि स्वीडन और अमेरिका को क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं ब्रिटेन और नीदरलैंड इस सूचकांक में क्रमशः चौथे और पाँचवे स्थान पर मौजूद हैं।
- शीर्ष 10 स्थानों पर उच्च आय वाले देशों के वर्चस्व है।
- आय समूह के आधार पर शीर्ष 3 नवाचार अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं:
- हाई इनकम: स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन और अमेरिका
- अपर मिडिल इनकम: चीन, मलेशिया, बुल्गेरिया
- लोअर मिडिल इनकम: वियतमान, यूक्रेन, इंडिया
- लो इनकम: तंज़ानिया, रवांडा, नेपाल
- इस सूचकांक में चीन को 14वाँ, नेपाल को 95वाँ, श्रीलंका को 101वाँ, पाकिस्तान को 107वाँ, बांग्लादेश को 116वाँ और म्याँमार को 129वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
- 131 देशों के इस सूचकांक में सबसे अंतिम स्थान यमन को प्राप्त है।
भारत के संदर्भ में
- भारत ने बीते एक दशक में देश के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में महत्त्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। लगभग 50000 स्टार्ट-अप्स के साथ भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के बाद विश्व की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था है।
- इस वर्ष वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) में भारत की रैंकिंग में 4 स्थानों का सुधार हुआ है और बीते वर्ष 2019 की रैंकिंग में भारत को 52वाँ स्थान प्राप्त हुआ था।
- ध्यातव्य है कि वर्ष 2015 में इस सूचकांक में भारत को 81वाँ स्थान प्राप्त हुआ था।
- रिपोर्ट के अनुसार, लोअर मिडिल इनकम समूह में भारत नवाचार के क्षेत्र में कार्य करने वाला तीसरा सबसे बेहतरीन देश बन गया है, इस प्रकार बीते कुछ वर्षों में नवाचार के संदर्भ में भारत की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
- भारत, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ITC) सेवाओं के निर्यात, सरकारी ऑनलाइन सेवाओं और विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में स्नातक जैसे नवाचार संकेतकों में शीर्ष 10 देशों में शामिल है।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय विज्ञान संस्थान-बंगलूरू (IIS-Bengaluru) जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रकाशित वैज्ञानिक अध्ययनों का ही नतीजा है कि भारत लोअर मिडिल इनकम वाले समूह में उच्चतम नवाचार गुणवत्ता वाला देश है।
- इस संबंध में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, भारत सरकार के तहत आने वाले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अंतरिक्ष विभाग जैसे निकायों ने राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII)
- वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) की शुरुआत वर्ष 2007 में ऐसे तरीकों को खोजने के उद्देश्य से हुई थी, जो समाज में नवाचार की समृद्धि को बेहतर ढंग से समझाने में समर्थ हों।
- वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) का प्रकाशन प्रत्येक वर्ष कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (Cornell University), इन्सीड बिज़नेस स्कूल (INSEAD Business School) और संयुक्त राष्ट्र के विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा किया जाता है।
- इस सूचकांक के अंतर्गत विश्व के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नवाचार क्षमता और परिणामों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है।
- महत्त्व
- विभिन्न देशों के नीति निर्माता अपनी आर्थिक नीति के निर्माण के लिये नवाचार को भी एक कारक के रूप में देखते हैं।
- वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को उनके नवाचार प्रदर्शन का आकलन करने की अनुमति देता है और साथ ही प्रदर्शन में सुधार करने के लिये एक प्रतिस्पर्द्धी माहौल भी तैयार करता है।
आगे की राह
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा जारी रिपोर्ट में नीति आयोग द्वारा बीते वर्ष जारी भारत नवाचार सूचकांक को देश के सभी राज्यों में नवाचार के विकेंद्रीकरण की दिशा में एक प्रमुख कदम के रूप में व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया है।
- भारत को वैश्विक नवाचार सूचकांक में अपनी रैंकिंग में सुधार लाने के लिये ऊँचे लक्ष्य के साथ अपने प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को तभी पूरा किया जा सकता है, जब भारत अपनी स्थिति को बेहतर करते हुए वैज्ञानिक हस्तक्षेपों को विकसित करने में वैश्विक महाशक्तियों के साथ प्रतिस्पर्द्धा करेगा।
- अतः आवश्यक है कि भारत के नीति-निर्माता देश में नवाचार को लेकर उल्लेखनीय बदलाव लाने का प्रयास करें और अगले वैश्विक नवाचार सूचकांक में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए।
Source: The Hindu